استان بوشهر |
شهرستان دشتی | بخش |
|
دهستان | روستا | 15465خانوار | 71285جمعیت |
بوشهر | دشتی | کاکی | 4764 | 22798 | |||
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | 1113 | 5391 | ||
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | حسین زایری | 72 | 420 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | امامآباد | 40 | 214 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | دهداری | 29 | 127 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | طویل دراز | 9 | 33 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | فقیه احمدان | 8 | 27 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | گزدراز | 34 | 142 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | مرحوای | 7 | 37 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | مقاتل | 6 | 17 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | ناصری | 37 | 220 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | بادوله | 755 | 3558 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | بامنیر | 81 | 430 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | دولتآباد | 13 | 60 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | مله خرگ | 10 | 39 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | بیکسان | * | * | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | اسماعیل محمودی | * | * | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | درگوشمالی | 9 | 53 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | چغاپور | درگوجنوبی | * | * | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | 530 | 2664 | ||
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | تلخو | 128 | 651 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | باغ شور | 15 | 76 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | بنیاد | 157 | 831 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | گنخک شیخی | 114 | 561 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | مسیله عبدی | * | * | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | مسیله کلو | * | * | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | هلالی منصور | * | * | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | باغ شلی | 10 | 45 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | گنخک رییسی | 15 | 66 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | علیآباد | 32 | 128 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | گنخک کورا | 55 | 293 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | 1138 | 4850 | ||
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | چاه حسین جمال | 55 | 231 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | شیخیان سلنجی | 34 | 178 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | باغ پیر | 33 | 160 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | شیخیان ماری | 48 | 222 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | کلات | 10 | 44 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | شیخیان شهاب | 17 | 82 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | بالنگستان / گلستان/ | 140 | 570 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | زیارت | 202 | 856 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | لاورساحلی | 117 | 437 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | زایرابول | 8 | 38 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | برمصار | * | * | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | کبگان | 59 | 231 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | کردوان سفلی | 142 | 565 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | کردوان علیا | 159 | 679 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | اسماعیل محمودی | 41 | 198 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | میته | 12 | 71 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کبگان | کردوان رییسی | 59 | 281 | |
بوشهر | دشتی | کاکی | کاکی | 1983 | 9893 | ||
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | 9155 | 41179 | |||
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | 986 | 4181 | ||
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | چهله | 23 | 101 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | درازی | 221 | 857 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | کلل | 212 | 941 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | چارک | 171 | 760 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | چاوشی | 138 | 581 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | حیدری | * | * | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | فقیه حسنان | 30 | 147 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | میان خره بالا | 50 | 200 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | وراوی | 39 | 184 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | زایرعباس | 18 | 46 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | باغ بهشت / باغ وحش/ | 18 | 84 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | جبری | 5 | 22 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | زیزار | 27 | 121 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | احشام قایدها | 33 | 133 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | 1203 | 5331 | ||
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | بادام زار | 33 | 144 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | عربی | 253 | 1096 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | لاوررزمی | 187 | 806 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | بندو | 4 | 20 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | بوحیری | 206 | 944 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | محمدآباد | 413 | 1837 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | زرگری | * | * | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | گوری | * | * | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | مل گاودان | 33 | 134 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | مل گل | 68 | 308 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | مرکزی | منقل | 4 | 10 | |
بوشهر | دشتی | مرکزی شهرستان دشتی | خورموج | 6966 | 31667 | ||
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | 1546 | 7308 | |||
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | 1322 | 6361 | ||
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | بشک | 4 | 21 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | چاه گاه | 64 | 295 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | خروک | * | * | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | رزمآباد | 6 | 29 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | سنا | 262 | 1251 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | شنبه | 505 | 2414 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | کاردانه | 12 | 57 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | کشتو | 7 | 42 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | مزرعه حاج احمدی | 11 | 49 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | اسلامآباد | 13 | 59 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | باغان | 237 | 1171 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | بن بید | 38 | 190 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | درویشی | 88 | 412 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | شنبه | کردلان | 72 | 356 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | 224 | 947 | ||
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | اژدرخوس | 13 | 52 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | بنو | * | * | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | تنگ باغ | * | * | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | حناشور | 49 | 216 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | دشت پلنگ | 10 | 38 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | دهوک | 42 | 168 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | سرمک | 66 | 293 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | سهو | 15 | 42 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | کناربندک | 20 | 87 | |
بوشهر | دشتی | شنبه و طسوج | طسوج | محمدریز | 5 | 29 |
امامزاده پیرهاشم مکانی برای شب مانی و استراحت در نزدیکی گنبد نمکی دشتی.
دیدن جلوه های زیبای آفرینش در گنبد و غارهای نمکی : این منطقه در فاصله 144 کیلومتری جنوب شرقی بوشهر و 64 کیلومتری خورموج قرار دارد و بزرگترین و زیباترین گنبد نمکی ایران و خاورمیانه محسوب می شود.
وجود نمک های طعام و صنعتی با رنگ های قرمز، سبز، سفید، سیاه، نارنجی و قهوه ای در دیواره ها و سنگ فرش ها با جلوه بسیار زیبا.
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شیب ملایم به سمت بالا در مسیر، یخچال های نمکی در شیار کوه ، که از حرکت ثقلی توده های نمک و به صورت پلکانی تشکیل شده است و اشکال زیبا از نمک .
دهانه غاری که به طرف بالا شیب دارد .
بلورهای نمک به شکل قندیل های بسیار زیبا خودنمایی می کند. صدای خفاش ها به گوش میرسد نظرها را به خود جلب می نماید .
دیواره های غار با نقش های بسیار زیبا و لایه های رنگی در زیر نور هدلامپ ها دیدنی تر می شود.
حوضچه ای با آب نمک غلیظ مانع درسمت چپ که فکر دیدنش آدمی رابه وسوسه وامی دارد.
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بیرون از این غار و کمی بالاتر چشمه نمکی بسیار زیبایی وجوددارد، غلظت نمک در این نوع چشمه ها که درون غارها و سطح دره ها به وفور وجود دارد 350 برابر بیشتر از آب دریاست.
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دهانه غاری که به شکل نعل اسب بزرگی خودنمایی می کند. قندیل هایی نمکی بسیار زیبا در مدخل این غار وجود داردکه چشم هر بیننده ای را به خود خیره می کند . این غار با دهانه بزرگی به فضای بیرون خاتمه می یابد.
آبشار نمکی کمی پایین تر ازغار آبشار دیدنی با قندیل های نمکی که نمایی از یک آبشار یخ زده را تداعی می کند وجود دارد.
کلوت ها که اشکال طبیعی از جنس گل نرم و متراکم و فشرده هستند و از فرسایش مشترک آب و باد به وجود آمده اند،
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یکی از عوامل مهمی که باعث و بانی عقب ماندگی شهرستان دشتی در گذشته و اکنون است از دیدگاه نگارنده سیل ویرانگر سال 1365 هجری شمسی است که با عدم اعتنای متولیان امر به جبران خسارتهای ناشی از آن سیل ویرانگر ، اکنون و در کمبود اعتبارات اختصاص یافته به شهرستان، باعث گردیده است شهرستان فرهنگی دشتی به روزگار فعلی و عقب ماندگیهای مضاعف در بیشتر زیربناها و مبانی توسعه متوازن مبتلا باشد.
سیل ویرانگر سال 65 در مشکلات مبتلا به آن روز کشور، جنگ و ویرانیهای ناشی از آن دوران، هر چند به چشم نیامد اما با تخریب کامل روستاهای حاشیه رود باستانی مند اساسی ترین ضربه را به پیکره اقتصادی و اجتماعی شهرستان دشتی زد تا اکنون و در سالهای طولانی پس از آن ، تراژدی غمبار 65 ، هنوز هم در متن زندگی ساکنان این بخش از استان جاری باشد و روزگار دشتی را به گوشه ای رهنمون کند که تا سالهای آتی نیز نتوان امیدوار بود این شهرستان شیرینی توسعه و عمران و آبادانی متوازن را به کام گیرد .
اصولا سیل آن سال باعث گردید اجتماعات انسانی حاشیه رود مند که از دیرباز به اقتصاد خودکفا ، روستا محور و برگرفته از کشاورزی و دام پروری خو گرفته و تامین بخش زیادی از مایحتاج خود و شهرستان را به عهده گرفته بودند در از دست دادن ممر درآمد و معاش پایدار، ناگزیر به مهاجرت به شهرهای پیرامون گردند تا این مهاجرت خود باعث مسائل و موضوعات حاشیه ای گوناگون در روزگار شهرستان دشتی باشد.
به بیان روشن تر مجمو عه های انسانی که حیات اقتصادی آنها به رودخانه مند وابسته بود در بخش عمده ای از شهرستان دشتی با قطع منابع امرار و معاش ناگزیر به مهاجرت به شهرها و روستاهای با برخورداری بهتر شدند که از آن هنگام تاکنون به دلیل ضعف در زیربناهای توسعه و کمبود زیر ساختهای شهری در دوشهر مهم شهرستان یعنی کاکی و خورموج مسایل مبتلا به توسعه نامتوازن دامنگیر روزگار دشتی شد.
این موضوع در هنگامی که زیربناهای توسعه در این دو شهر متناسب با جمعیت مهاجر نبود و این مساله خود ایجاد مشکلات متعدد را برای شهرهای مذکور باعث گردید ، ویرانی بخش مهمی از شهرستان دشتی که جوامعی خود کفا بودند را نیز به دنبال آورد .
اصولا زندگی مردم دشتی مجموعه ای خودکفا و روستا محور بود که با حادث شدن طغیان ویرانگر مند و تخریب روستاها و خالی از سکنه شدن آنها و حدوث مهاجرت اجباری، هیبت دشتی از شهرستانی آباد به روزگاری رسید که فقط در دوسوی غربی و شرقی شهرستان دو شهر خورموج و کاکی پر جمعیت گشته و قلب دشتی یعنی نوار ساحلی حاشیه رود مند از آبادانی و جمعیت تخلیه گردید.
امروزه شما اگر از سمت غرب وارد دشتی شوید، پس از عبور از خورموج ،عملا شهر و روستایی آباد که دارای اقتصاد مشخص و سکنه پایدار باشد در مسیر بزرگراه سیراف نخواهید دید و تا رسیدن به شهر کاکی در شرق این شهرستان تنها چند روستای معدود با جمعیتی نسبی و اقتصادی حداقلی در مسیر شما را از سیمای ویران شهرستان اندکی غافل می کند.
اگر شهرستان دشتی را سه برش عرضی غربی ،شرقی بزنید همانگونه که رشته کوههای موجود این کار را عملی کرده اند شما در دشتی با سه بخش ساحلی، دشتی و کوهپایه ای مواجه خواهید بود که در طول مسیر بزرگراه سیراف که در بخش میانی ساخته شده عملا با تصویر پیش گفته مواجه خواهید بود .
این در حالی است که شما در سواحل شرقی و غربی رود مند نیز که در دشتی این رودخانه مسیری شمالی جنوبی را می پیماید باز با تصویر قبلی یعنی روستاهای خالی از سکنه برخورد خواهید داشت .
وقتی جمعیت روستاها و اجتماعات انسانی قلب دشتی با سیل ویرانگر 65 به سمت شهرهای خورموج و کاکی سرازیر شدند در هنگامی که اقتصاد کلی دشتی که تا آن موقع اقتصادی روستایی و مبتنی بر تولیدات کشاورزی و دامداری محدود بود نابود گردید تاسالیان متمادی بیشتر مردم این شهرستان با فقر و نداری دست به گریبان شدند .
به جرات می توان گفت از آن سالها که اقتصاد مبتنی بر تولید به کلی در شهرستان دشتی نابود گردید تا سالهای اخیر که رونق کشاورزی در بخش محدودی از روستاهای حاشیه مند باعث ایجاد درآمد شد، هیچگاه مردم دشتی با منبع امرار معاشی پایدار در طول این سالیان مواجه نبودند.
به نظر می رسد تا همین امروز نیز بخش عمده ای از مشکلات شهرستان، ناشی از عدم بازسازی و مسکونی نمودن روستاهای سیل زده آن دوره است که باعث گردیده در شهرهای خورموج و کاکی با نبود منابع امرار معاش پایدار و دائمی ناشی از تولید، زندگی مردم با تنگناهای زیادی همراه باشد .
از این رو ریشه بخش زیادی از مشکلات شهرستان را می توان در همان سیل ویرانگر 65 جستجو کرد و توقع داشت متولیان امر با مطالعات همه جانبه نگر به شکل دادن شهرستانی با اقتصاد و اشتغال دائم و پیوسته همت گمارند و از جزیی نگری بپرهیزند تا اجتماع در هم تنیده دشتی یکبار دیگر روزگار رفاه و آزادگی پیش را باز یابد
قلعه خورموج یکی از آثار شکوهمند تاریخی استان بوشهر است که طی زمان تغییر یافته و روی به ویرانی گذاشت است. قلعه خورموج شامل چهار حصار،چهار قلعه،اندرونی،عمارت مرکزی و قراولخانه و اصطبل بوده است. قسمتی از ان به نام قلعه محمد خان دشتی و قسمت دیگر آن به نام قلعه جلال خان معروف بوده است. این قلعه در شهر خورموج واقع شده است. سبک معماری آن سلجوقی و متاثر از سبک قلعه سازی دوره ساسانی است که با استفاده از تاق نما ها و گچبری در آرایش دیوارها و درون اتاق ها بنا شده است.
تصاویری از روستای گلستان ساحلی
قلعه دختر
در برجک غربی قلعه که در واقع طبقه فوقانی قلعه بوده است چند سوراخ مستطیل شکل برای دیده بانی یا پرتاپ تیر توپ خانه به بیرون بوده است که امروزه این چند سوراخ مذکور پوشانده شده است و این شاید صیادان محلی و شکارچیان وحوشی مثل بز و کل و یا پرندگان در همین سال ها زمانی که برج های قلعه سالم بوده به عنوان پناه گاهی استفاده می کردند آنجا را پوشانده اند . قلعه به جز طبقه فوقانی بقیه زیر خاک رفته است به گفته اهالی محل سقف چند اتاق آن هم تا سال های اخیر سالم بوده است ( 1374 شمسی ) و بر اثر بارندگی شدید از بین رفته است . با توجه به آثار باقی مانده دو غار که هنوز تحقیقی را جع به آنها نشده است به روستاهای لاور و گلستان منتهی می شده است که آثار این غارها درحیاط منزل یکی از اهالی روستای گلستان هنوز دیده می شود و این دو غار از قلعه آغاز و به این دو روستا منتهی می شده است . یک راه کاملا هموار و صافی به طول یک کیلومتر تا دریا قرار داشته که شاه دختر بدون کمترین زحمتی خود را به ساحل می رسانده است. ساختمان قلعه از نوعی سنگ رسوبی – که در همان منطقه وجود دارد – و ساروج ساخته شده است .
در نزدیکی قلعه سرزمین یا به اصطلاح امروزی پارکی که گل نرگس در آن زیاد می روئیده قرار داشته است که به همین خاطر آن را پارک نرگس می نامیده اند برای آبیاری پارک آب انبارهای مخصوصی وجود داشته است که اثار سه تای آنها در کنار قلعه پیداست .
در ضلع شرقی قلعه چاله ای شبیه چاه دیده می شود که احتمالا حفاری غیر مجاز از طبقه فوقانی به طبقه فرو رفته پایینی انجام شده است و اشیاء نفیس و باستانی که وجود داشته به سرقت رفته است و سه پایه ای که برای بالا کشیدن خاک و سنگ این حفاری استفاده می شده در پرتگاه شرقی قلعه دیده می شود .با توجه به فرسایشی که بر اثر گذر زمان و عوامل طبیعی به وجود آمده است و هر ساله ببیشتر می شود قلعه را در خطر تخریب و نابودی کامل و صد در صدر قرار داده است.
چنین گفته شده که این مکان محل فرمانروایی زنی قدرتمند بوده که سالها بر لاور و اطراف حکومت کرده است . این قلعه اکنون خرابه ای بیش نیست .
نویسنده و محقق:محمد حاجیانی منبع :http://hajiani.blogfa.com
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